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Friday, January 28, 2011

गांवो की बढती परचेजिंग पॉवर

आज भारतीय कंजूमर गुड्स १३.१ बिलियन डॉलर के साथ चौथी सबसे बड़ा सेक्टर है , 10 % सालाना ग्रोथ के साथ. आज भारतीय मार्केट पूरी दुनिया के लिए एक हब सेंटर बना हुआ है. जहा जितना माल चाहे उतार दे, बिकने के पूरी गारंटी है/ कंजूमर गुड्स सेक्टर खुद को २००५ के रु.५६५०० करोड़ से २०१० में रु ९२१०० करोड़ तक पहुच चुका है .
जिसमे मुख्यतः Hair care, household care, male grooming and the chocolates and confectioner .

-HSBC report

For example, Hindustan Levers Limited (HLL) has shown a healthy growth in the last quarter. An estimated double-digit growth over the next few years shows that the good times are likely to continue.


आज भारतीय गाँव के निवासी पूरे संसार के १२.२% जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करते है.. इसीलिए आज हर कंपनी की नज़र भारतीय गाँव को अपना लक्ष्य बनाने में लगी है. चाहे वो कांसुमार गुड्स हो या फार्मा. आज जिस प्रकार गाँव में मूलभूत सुविधाए का विकास हो रहा है , उसी तेज़ी संसार का एक बड़ा बाज़ार बनता जा रहा है. आज हर कंपनी अपने नए नए ब्रांड के साथ गाँव को अपना निशाना बना रही है .. यदि हम देखे तो जहा मुख्यत ६६% सामान शहर और ३४ % सामान गाँव में बिकता है वही पर यदि consumar गुड्स की बात करें तो इसका प्रतिशत ६० % और ४० % का हो जाता है,